Ad Code

INTERNSHIP क्या होता है और कैसे करें

इंटर्नशिप
एक अच्छा कैरियर हर कॉलेज के छात्र छात्रा का सपना होता है कैसा हो कि कॉलेज समाप्त होने के बाद आप एक  ऐसे कैरियर को चुनें  कि जिसमें न केवल आपका बौद्धिक विकास हो अपितु आर्थिक विकास भी हो और साथ ही आपका जुनून भी हो
लेकिन आज के इस कंपटीशन के दौर में सिर्फ किताबी ज्ञान काफी नहीं है इंटरनेट और तकनीक के इस दौर में कंपनियों को अपने कर्मचारियों में जिन स्किल्स की आवश्यकता होती है उसके बारे में आपको कॉलेज मे के सिलेबस में बहुत ही कम मिलेगा. प्रत्येक कंपनी यह चाहती है कि जिस छात्र को वह हायर करें उसे ना केवल आधुनिक तकनीक का ज्ञान हो साथ ही साथ उसमें प्रेक्टिकल अनुभव भी हो।
एक सर्वे के अनुसार यदि किसी छात्र को व्यवहारिक अनुभव हो तो उसको कंपनी द्वारा हायर होने के अवसर 50% तक बढ़ जाते हैं. तात्पर्य यह है कि यदि आपके पास अनुभव है तो आप एक बेहतर जॉब पा सकते हैं. अब प्रश्न यह होता है कि बिना जॉब के अनुभव कैसे मिलेगा तो इसका जवाब है इंटर्नशिप।
इंटर्नशिप वह अनुभव होता है जिसमें आप किसी कंपनी में 2 से 6 महीने के लिए जाकर रियल प्रोजेक्ट्स पर एक मेंटर की देखरेख में काम करते हैं और प्रैक्टिकल स्किल्स हासिल करते हैं। इंटर्नशिप के दौरान ना केवल आप अपने तकनीकी ज्ञान का प्रैक्टिकल एप्लीकेशन समझते हैं बल्कि बहुत सारे सॉफ्ट स्किल्स भी प्राप्त करते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि आप कॉरपोरेट वातावरण में किसी तरह से काम करते हैं तो टीम में काम कैसे किया जाता है, कम्युनिकेट  कैसे करते हैं, ऐसे बहुत सारे नए कौशल आप सीखते हैं जो आप एक क्लास रूम में नहीं सीख पाते। बहुत सारी कंपनियां आजकल इंटर्न्स को एक निश्चित मासिक भत्ता भी देती हैं जिससे आप स्वावलंबी भी बनते हैं।

सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस दौर में इंटर्नशिप का चलन बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। गर्मियों की छुट्टियों में इंटर्नशिप के लिए आप आवेदन करें और अपने कैरियर को एक नई दिशा दें। एक बेहतरीन इंटर्नशिप न केवल आपको अपने ड्रीम जॉब के नजदीक ले जाएगी बल्कि नए मित्र नेटवर्क और ढेर सारा आत्मविश्वास भी देगी। इंटर्नशिप अध्ययन से संबंधित क्षेत्र में नियत समय अवधि के लिए किए जाने वाला प्रोग्राम है। यह सामान्यता कॉलेज या विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा ही की जाती है। इंटरनेट से प्रोग्राम अध्ययन से संबंधित क्षेत्र में काम का प्रैक्टिकल जानकारी प्राप्त करने के लिए भी की जाती है। इंटर्नशिप प्रोग्राम कोर्स समाप्त या सेमेस्टर के अंत में विषय से संबंधित क्षेत्र में अनुभव प्राप्ति एवं रूचि होने पर उस क्षेत्र में कैरियर की शुरुआत करने के लिए होती है। यह किसी विशेष क्षेत्र में कैरियर के लिए नेटवर्क बनाने और संबंधित क्षेत्र में लोगों से संबंध स्थापित करने में मददगार साबित होती है।

इस प्रकार इंटर्नशिप पेड  एवं अनपेड दोनों प्रकार से करवाई जाती है। पेड इंटर्नशिप में इंडस्ट्री या संबंधित संस्था के द्वारा वेतन के तौर पर एक नियत तय राशि दी जाती है। अनपेड इंटर्नशिप में राशि नहीं दी जाती।
Reactions