डिजास्टर मेनेजमेंट
पूरे विश्व में भूकंप बाढ़ सुनामी चक्रवात जमीन के खिसकने इत्यादि से लोग प्रभावित होते रहते हैं। यह बहुत ही दुखद है।
आपदा या डिजास्टर
आपदा प्रबंधन की सबसे बड़ी चुनौती होती है कि आपदाग्रस्त सीमा क्षेत्र और उससे होने वाली क्षति का आकलन करें। आपदा प्रबंधन का कार्य सही समय पर वहां पहुंचना और लोगों की जान और माल की रक्षा करना होता है। इसमें खतरे से निपटने, दुर्घटना होने के बाद जान माल की हिफाजत कैसे की जाए इन सभी बातों की समझ होना जरूरी है।
आपदा के प्रकार
मनुष्यों द्वारा की जाने वाली गलतियों की वजह से डिजास्टर यानि आपदा प्राकृतिक भी हो सकती है। भूकंप, बाढ़, सुनामी, चक्रवात, भूस्खलन, ओलावृष्टि, जंगल में आग लगना इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं की श्रेणी में ही आता है।
आपदा प्रबंधन के कार्य
आपदा कहीं भी और कभी भी आ सकती है क्योंकि आपदा कुदरती होती है। जिसकी वजह से इसकी कोई सीमा नहीं होती और ना ही यह तय वक्त पर आती है। इसी के मद्देनजर भारत में 2005 में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट बनाया गया। भारत में फिलहाल आपदा प्रबंधन के लिए एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) और डायरेक्टर जनरल सिविल डिफेंस (डी जी सी डी)। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी नियम और कानून बनाते हैं इनके जिम्मे डिजास्टर से संबंधित कई विभागों में काम होता है तो वही डी जी सी डी के अंतर्गत हर शहर में उनकी टीम में होती हैं। यह छोटे-छोटे विंग में काम करते हैं। टीम का सदस्य कोई भी बन सकता है ।लेकिन इसके लिए कुछ कंडिशंस होती हैं। उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके अंतर्गत खतरनाक तत्वों के प्रबंधन और आपात स्थितियों की योजना बनाना सिखाया जाता है।
योग्यता के बारे में
डिजास्टर मैनेजमेंट से संबंधित कई तरह के कोर्स मौजूद है। कोर्सेज के अनुसार अंडर ग्रेजुएट और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए छात्र को 50% अंकों के साथ 12 वीं पास होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त शार्ट टर्म कोर्स और डिस्टेंस लर्निंग कोर्स भी कराए जाते हैं।
कोर्सेस
आपदा प्रबंधन से संबंधित कुछ प्रमुख कोर्स इस प्रकार हैं।सर्टिफिकेट कोर्स इन डिजास्टर मैनेजमेंटन M.A. इन डिजास्टर मैनेजमेंट, MBA इन डिजास्टर मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन डिजास्टर मैनेजमेंट। इसके अतिरिक्त आपदा प्रबंधन में शॉर्ट टर्म कोर्स और डिस्टेंस लर्निंग कोर्स भी कराए जाते हैं।
संभावनाएं
डिजास्टर मैनेजमेंट के कोर्सेज करने के बाद ज्यादातर जॉब पब्लिक सेक्टर में मिलती है। जैसे सरकारी विभागों के फायर डिपार्टमेंट, सूखा प्रबंधन इत्यादि में प्रोफेशनल्स की भर्ती की जाती है। छात्र अपना कैरियर विदेशों में इमरजेंसी सर्विस, लोकल अथॉरिटी, राहत एजेंसी, यूएनओ, वर्ल्ड बैंक, NGO, एमनेस्टी इंटरनेशनल, रेड क्रॉस सोसाइटी, एशियन डेवलपमेंट बैंक, यूनेस्को जैसी इंटरनेशनल एजेंसी में आप अपना कैरियर बना सकते हैं। कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी कंसल्टेंसी, रिस्क मैनेजमेंट, Insurance, डॉक्यूमेंटेशन, स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट इत्यादि क्षेत्रों में भी जॉब मिलने की संभावनाएं बनी रहती हैं। यहां तक की ग्रेजुएट प्रोफेशनल अपनी स्वयं की कंसल्टेंसी को भी स्थापित कर सकते हैं। कोर्सेस के दौरान प्रायोगिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है। कोर्स करने के बाद फायर एंड सेफ्टी ऑडिटर, स्टेशन ऑफिसर, सेफ्टी मैनेजर, डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर, चीफ फायर ऑफिसर में नौकरी आसानी से मिल सकती है।
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