इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट प्राकृतिक आपदा के खतरे को देखते हुए पूरे विश्व में सुरक्षा संरक्षण पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने के लिए इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंटकी क्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
कोर्स के बारे
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट में कई तरह के डिप्लोमा सर्टिफिकेट और अन्य शार्ट टर्म कोर्स मौजूद हैं, जिनकी अवधि 3 माह से 6 माह तथा 12 माह तक हो सकती है। आज के दौर में पत्राचार और पार्ट टाइम कोर्स की भी भरमार है। जिसको देखते हुए इन कोर्सों को कर लेने के बाद छात्रों को व्यक्तिगत रुप से अपनी जानकारी बढ़ाने जैसे इंजीनियरिंग कंट्रोल एवं एप्लीकेशन इंडस्ट्रियल उपकरणों की सुरक्षा की मॉनिटरिंग, पेट्रोलियम इंडस्ट्रीज न्यूक्लियर पावर प्लांट में आपातकालीन नियंत्रण, मेडिकल विजिलेंस, खराब हो चुके उपकरणों की मरम्मत करना, खतरनाक और जख्मी स्थिति से बचाव, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग इत्यादि में काम आता है।
कुछ कोर्स इस प्रकार है
*डिप्लोमा इन फायर टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट*डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट
*हेल्थ सेफ्टी एनवायरनमेंट
*सर्टिफिकेट कोर्स ऑफ चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट में कार्य के विभिन्न रूप
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट में सेफ्टी मैनेजर को मुख्य रूप से कई बिंदुओं पर गौर करना होता है। हालांकि उन्हें कोर्स के दौरान ही सभी संभावित जानकारी दे दी जाती है। जिनमें मुख्य रूप से फायर फाइटिंग, फायर प्रिवेंशिअल, लेबर और फैक्ट्री एक्ट के कोड की जानकारी, दुर्घटना के पश्चात प्राथमिक मदद उपलब्ध कराना इत्यादि शामिल हैं। इस कार्य में खतरे भी बहुत हैं। कई बार आग लगने के दौरान धुआँ या गैस के चलते सेफ्टी ऑफिसर की मौत भी हो जाती है। इसलिए कार्य के दौरान पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बिल्डिंग के अंदर लगे फायर उपकरणों की जांच करके सभी जरूरी जानकारी को मैनेजमेंट तक पहुंचाना भी सेफ्टी मैनेजमेंट के अंतर्गत आता है।
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट में है अवसरों की भरमार
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद अवसरों की भी कमी नहीं है। जिस तेजी से हर जगह सुरक्षा के संभावित उपाय किए जा रहे हैं, उसी तेजी से लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। आजकल आईटी इंडस्ट्री, ऑइल इंडस्ट्री, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन इत्यादि में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। भारत तथा विदेश दोनों जगह अवसर सामने आ रहे हैं। इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद भारत में फायर प्रोटेक्शन इंजीनियर, एनवायरनमेंट सेफ्टी मैनेजर, रिस्क मैनेजमेंट कंसल्टेंट कंस्ट्रक्शन सेफ्टी इंजीनियर, ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी सुपरवाइजर के रूप में अवसर की भरमार है। इसके अतिरिक्त सेल, टिस्को, कोल इंडिया लिमिटेड, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, NTPC और इंडियन ऑयल जैसी कंपनियां डिप्लोमा या डिग्री धारक को अपने यहां नियुक्त करती हैं।जबकि विदेश की बात करें तो यूएई, अफगानिस्तान, यूके, रसिया, ओमान इत्यादि देशों में प्लांट सेफ्टी मैनेजर, सेफ्टी को आर्डिनेटर, फायर प्रोडक्शन मैनेजर के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसमें से ज्यादातर छात्र TFL इंटरनेशनल, ब्रिटिश पेट्रोलियम, ओमनी आयल टेक्निक, सेल आर्मको कॉरपोरेशन, पेट्रोफेक एक जैसी जानी-मानी कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं। जिसके चलते इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट में करियर की अपार संभावनाएं है।
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स करने की योग्यता क्या है
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए छात्र को 12 वीं पास होना आवश्यक है। जबकि ग्रेजुएट और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले छात्रों को इस कोर्स को करने में वरीयता दी जाती है। ज्यादातर ऐसे भी छात्र होते हैं जो पहले से ही फायर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कार्य कर रहे होते हैं तो वह भी इसमें आवेदन के योग्य होते हैं। इसके साथ ही अनेक संस्थानों द्वारा कई तरह के डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाए जाते हैं जो रेगुलर या पत्राचार दोनों के माध्यम से किए जा सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से छात्र को दबाव की परिस्थिति में काम करना होता है। इसलिए आपके अंदर धैर्य और विनम्रता का होना भी आवश्यक है।
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट में वेतनमान क्या होगा
इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद वेतन की बात करें तो आज एक सेफ्टी मैनेजर को शुरुआत में 20 ₹25000 प्रतिमा और कंस्ट्रक्शन सेफ्टी इंजीनियर को लगभग ₹20000 आसानी से मिल जाते हैं।
कुछ मुख्य संस्थान
*. दिल्ली कॉलेज ऑफ़ फायर सेफ्टी इंजीनियरिंग*. गंगा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी
*. इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी
*. संस्का फायर एंड सेफ्टी
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