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यूरोपा बृहस्पति का एक चंद्रमा

यूरोपा
यूरोपा बृहस्पति का एक चंद्रमा है। जिसकी खोज 8 जनवरी 1610 को गैलीलियो गैलरी ने की थी।


यूरोपा का नाम प्राचीन लेबनान के शासक की बेटी के नाम पर रखा गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक रोबोटिक इल को तैयार कर रही है जो पृथ्वी और पानी दोनों में  रहने वाला रोवर है। यह रोवर यूरोपा पर बर्फ के रूप में पानी होने की संभावना तलाश सकेगा। बृहस्पति न सिर्फ सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है, बल्कि इसके चंद्रमा की संख्या भी किसी दूसरे ग्रह से सबसे अधिक हैं। अभी इसके 67 चंद्रमा हैं।
यूरोपा का महत्व इसलिए है क्योंकि दिसंबर 2013 में नासा ने इस चंद्रमा पर मिट्टी की तरह के खनिज होने की संभावना जताई थी। इतना ही नहीं यूरोपा की सतह पर बर्फ की चादर ढकी हुई है। जिस वजह से वैज्ञानिक इसकी सतह के नीचे सक्रिय सागर होने  की आशंका जता रहे हैं। यहां जीवन की संभावना भी खोजी जा रही है।
हालांकि 1989 में शुरू किए गए गैलिलियो अभियान से इस चंद्रमा के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, पर अब तक किसी अंतरिक्ष यान को यहां उतारा नहीं जा सका है। मगर यूरोपा नासा की उच्च प्राथमिकताओं वाले चंद्र अभियानों में से एक है।
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